Sunday, May 1, 2011

जब मैंने वहा खुद को महसूस किया........... रमेश चहल


कल रात शाह सतनाम जी बाल शिक्षा आश्रम में आयोजित रंगोली गायन प्रतियोगिता में बतोर अतिथि शामिल होने का अवसर मिला और सुर्रों के नन्हे नन्हे सरताजों को भी सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ... प्रतियोगिता इतनी मजेदार और कठिन होगी इसका अंदाज़ा पूर्व में मुझे नहीं था. एक से बढकर एक फनकार मौजूद था वहां .... उनकी आवाज़... के आगे क्या लिटल चैम्प और क्या इंडियन आइडल सब पता नहीं क्यों फीके से लग रहे थे ... मुझे लगा कि ये होनहार वहां जाकर जरुर धूम मचा सकते है.. प्रतियोगिता के दौरान दर्शक दीर्घा से भी कमेन्ट कई बार आये जिन्होंने हंसने पर मजबूर कर दिया.इन कॉमेंट्स को सुनकर महसूस हुआ कि इस दर्शक टोली में मै आज भी कही न कही जरुर बैठा हूँ .... कयोंकि दर्शकों में बैठकर कमेन्ट करना मेरी भी ये आदत रही है ....

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