Saturday, September 15, 2012

कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे

गलियां मै बर बर बर बर करदे हम बिना पिए बेवड़े होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे

दो बल्द एक लंगड़ी घोड़ी अर चियारां मै तै एक भैंस भूरी थी
एक धौला कुत्ता दो बिल्ली अर पड़ोसियां कै भी चियार सूरी
थी

खाण पीण के ठाठ थे लाडू सुवाली गुलगुले माल्पुड़े अर चूरी थी
खीर खोवा घी की कमी नही थी अर मलाई लास्सी भी पूरी थी
रै कुछ भी नहीं अधूरी थी गोजे मै निरे कसार रेवडे होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे

नीम का पेड़ था एक घर मै अर बाड़े मै एक बड़ी सी जांडी थी
कठे रहया करदे सारे मिलकै अर सबकी कठी चूल्हा हांडी थी
हासी ख़ुशी अर बरकत दाता नै घर तै बुला बुला कै बांडी थी
कदे नी खडके आपस मै बासण इसी सियानी म्हारी टांडी थी
रै कोई ख़ुशी नही लांडी थी सब कियाहे के कट्ठे नेवड़े होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे

मोटर का ठंडा पानी अर के कहू जामुन बकैण की ठंडी छाम की
लदे खड़े अमरुद के पेडयां की हरियाली मै तालै नै उतरे राम की
बेर पीहल की रीस के थी टूटण नै रहती लदी व़ा डाहली आम की
दो केले के पेडे थे अर एक शीशम भी शान थी किसान के धाम की
जाड्या की खिली होई घाम की जद धुन्ध के तेवडे होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे

खुद नै ए चीणया था ओ कोठा अर खुदकी ए बसोली तेसी थी
भीतर नै सब धर राख्या था ना किसे चीज़ की कमी पेसी थी
देगची बासन कडाहिया खाट दरी अर दो नोवी नोवी खेसी थी
डेक था रील आला तीन स्पीकर अर मजबूत उसकी चेसी थी
रै सारी चीज़ देसी थी लिफाफे मै टंगे फिरनी घेवडे होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे

दूर दूर तक मटकदी फसल का जद मै ए राजा होया करदा
चला कै नै टयूबवेल मै सिर तली बाह धर कै नै सोया करदा
भूरी भैंस के दो थण मेरे बाकि दूध घरक्या खातर चोया करदा
अर एक चिड़िया कै दो बच्चे थे रागनी सुण कै नै रोया करदा
मै फागण की बाट जोह्या करदा जद कसुते कोरडे होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे

पर आज जेवडे की जगह हाथ मै घूमण आला स्टेरिंग आग्या रै
मेरे गाम की सुख शियांती नै आज एक भुंडा सा शहर खाग्या रै
आध बिलोया पीवण आला चहल बर्गर पिज्जया जोगा रहग्या रै
धूप मै कसी चलावण आला आज थोड़ी सी गर्मी मै मुह बाग्या रै
अर गावण आल्या गाग्या रै अक किसे मीठे मेवडे होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे
अर कदे तो मेरे हाथां मै भी दोस्तो बल्दां के जेवडे होया करदे
                                                                                         -रमेश चहल  

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